विज्ञान कथा


 

रॉबिन से मुलाकात 

                                                                                                                                        सुभाष चन्द लखेड़ा 

फ्रेसनो, कैलिफोर्निया की ईस्ट शेफर्ड एवेन्यू कॉलोनी में उस शाम मेरी मुलाकात एक ऐसे व्यक्ति से होगी जिसका पराग्रहियों से पाला पड़ा था, ऐसा मैंने कभी भी न सोचा था। मैं तो सपत्नीक फ्रेसनो इसलिए आया था कि इस खूबसूरत शहर में हमारी बेटी रहती है। दरअसल, उस व्यक्ति से मेरी मुलाकात भी अपनी डॉक्टर बेटी की वजह से हुई। कुछ दिन पहले वह व्यक्ति अपनी किसी बीमारी के सिलसिले में अस्पताल गया था जहां उसकी मुलाकात हमारी बेटी से हुई थी। उस व्यक्ति के अनुसार उसकी आयु यही कोई अस्सी वर्ष के आसपास थी लेकिन दिखने में वह साठ वर्ष का लगता था। बहरहाल, उस शाम अगर मैं अपनी बेटी के साथ यूं ही पास के स्टोर में दूध लेने नहीं जाता तो फिर शायद हमारी यह मुलाकात कभी नहीं होती। लेकिन जैसा कि मेरा सदैव से विश्वास रहा है, इस धरती पर और धरती पर ही क्यों, इस ब्रह्माण्ड में घटने वाली सभी घटनाएं पहले से ही तय हैं। उदाहारण के लिए, हमारा अपना सूर्य कब बुझेगा जैसी बड़ी घटनाएं तक पहले से तय हैं। खैर, उस व्यक्ति ने उस स्टोर में मेरी बेटी को देखते हुय़े जैसे ही ''हैलो डॉक, हाऊ आर यू ?`` कहा तो बरबस मेरे नजर भी उस पर  पड़ी। ''फाइन, माय डैड, माय मॉम !`` मेरी बेटी ने उसे जवाब देते हुए हमारी तरफ इशारा करते हुए कहा। फिर उस व्यक्ति के और मेरे बीच जो बातचीत हुई, उसको मैं अपने सभी पाठकों के लिए यहां हिंदी में बता रहा हूँ। उस व्यक्ति ने मेरे से पूछा, ''क्या आप अंतरिक्ष अनुसंधान में रूचि रखते हैं ?``

मैंने जवाब दिया, ''हां, लेकिन आपने यह अनुमान कैसे लगाया ?``

''मुझे यह शक्ति अभी कुछ समय पहले प्राप्त हुई है।`` उसने जवाब दिया। ''शक्ति ! कैसी शक्ति?`` मैंने सवाल किया। ''चलो, उधर पास के रेस्टोरेंट में कॉफी पीते हुए बात करते हैं।`` उसने सुझाव दिया। रेस्टोरेंट में पहुंचकर हम कोने वाली टेबल की तरफ बढ़े। चार कॉफी का आर्डर देकर मैंने कहा ''आप किसी शक्ति की बात कर रहे थे ?``

''मुझे कुछ दिन पहले यह शक्ति तब प्राप्त हुई जब लॉस एंजेलेस से फ्रेसनो आते समय दो पराग्रहियों यानी दूसरे ग्रह के निवासियों ने मेरा अपहरण किया था।`` उसने मेरे सवाल का जवाब देते हुए कहा। इस बीच कॉफी आ गई थी और मैंने खाने के लिए वेजी बर्गर का आर्डर दिया। कॉफी का मग उसकी ओर सरकाते हुए मैंने कहा, ''वह तो ठीक है लेकिन मैं ने तो शक्ति के बारे में पूछा था।``  ''इस शक्ति के द्वारा मैं यह जान सकता हूँ कि मेरे सामने खड़ा व्यक्ति किस क्षेत्र विशेष में रूचि रखता है। इसीलिए मैं जान पाया कि आप अंतरिक्ष अनुसंधान में रूचि रखते हैं।`` उसने सहजता से जवाब दिया। ''ठीक है लेकिन आप अब अपने उस अपहरण के बारे में बताइए जिसका जिक्र आप कर रहे थे।`` मैंने आग्रह किया।

''दरअसल, आपको याद होगा कि सन 2011 के दिसंबर माह में जिस समाचार ने समूचे विश्व का ध्यान खींचा था, उसका ताल्लुक एक ऐसे ग्रह की खोज से था जिसे हम पृथ्वी की सगी बहन कह सकते हैं। केप्लर - 22 बी नामक यह ग्रह सिग्नस तारामंडल में केप्लर - 22 तारे की कक्षा में है। तब यह अनुमान लगाया गया था कि इस ग्रह में मिट्टी और पानी, दोनों मौजूद हो सकते हैं; इस ग्रह का सूरज यानेप्लर - 22 आकार में धरती के सूरज से छोटा है किन्तु इस ग्रह का औसत तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आस & पास हो सकता है। इसका रेडियस पृथ्वी के रेडियस से लगभग ढ़ाई गुणा है।  फलस्वरूप, भार में यह कई गुणा वजनी हो सकता है जो इसके संघटन पर निर्भर करता है। यह ग्रह अपने सूरज की परिक्रमा 290 दिन में पूरी करता है यानी इसका एक वर्ष 290 दिनों का होता है। यह ग्रह हमारी धरती से 590 प्रकाश & वर्ष दूर है यानी अगर कोई प्रकाश की गति से भी भी इस दूरी को तय करना चाहे तो उसे पृथ्वी की इस बहन तक पहुंचने में पांच सौ नब्बे वर्षों का समय लगेगा।``

इतना बताने के बाद रॉबिन कुछ सोचने लगा।

''यह सब तो मुझे भी मालूम है लेकिन आपका अपहरण किसने और क्यों किया?`` मैंने कॉफी का अंतिम घूट लेते हुए पूछा

''इसी ग्रह के निवासियों ने किया और इसलिए किया कि मैं इस ग्रह की खोज से जुड़ा था।``

उसने मुस्कराते हुए बताया।

''आप मुझे पूरा मामला समझाइए न!`` मैंने अनुरोध किया। दरअसल, मैंने इधर हाल में ही इस ग्रह पर अनुसंधान करने वाले दल में शामिल होने के लिए अजब भेजी थी।

''दरअसल, वे नहीं चाहते हैं कि कोई उनके ग्रह पर अनुसंधान करे। मुझे अपहरण कर वे अपने ग्रह पर ले गए और उन्होंने मुझे यह अच्छी तरह से समझाया कि अगर हमने उनके ग्रह में दिलचस्पी लेना बंद न किया तो वे कैसे हमारे को और अंतरिक्ष से हमारी नीली दिखने वाली इस प्यारी धरती को बर्बाद कर सकते हैं। मेरी सहमति मिलने पर उन्होंने शुक्रिया अदा करने के लिए मुझे दूसरों के ज्ञान को महसूस करने की शक्ति दी और साथ ही मुझे अपेक्षाकृत युवा भी बना दिया। इसीलिये मैं अस्सी वर्ष की आयु में भी साठ वर्ष का लगता हूँ।`` उन्होंने खुश होते हुए बताया।  ''लेकिन आप ने यह सब मुझे क्यों बताया?`` मैंने आश्चर्य में डूबते हुए पूछा।

वे बोले, ''सीधी सी बात है कि यह सब तुम्हें बताने के लिए उन्होंने ही मुझसे कहा है।``

यह सुनते ही मैं समझ गया कि अब मुझे क्या करना है? अगले दिन ही मैंने केप्लर&22 बी नामक ग्रह पर अनुसंधान करने संबंधी अपनी अजब वापस ले ली। बहरहाल, रॉबिन से मेरी मुलाकात हुए लगभग एक सप्ताह बीत गया था। इस दौरान मैंने मामले की तह में जाने की जो कोशिशें कीं, उनके बारे में भी आपको जानकारी देना जरूरी है। उस व्यक्ति रॉबिन ने बातचीत के दौरान मुझे अपना जो पता बताया था, वह गलत था। साथ ही केप्लर & 22 बी नामक ग्रह पर अनुसंधान करने वाली टीम में भी कभी इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं रहा। इतना जरूर है कि फिलवक्त इस ग्रह पर अनुसंधान करने वाली टीम के सभी सदस्य किसी न किसी बहाने इस टीम से बाहर हो गए हैं। न जाने क्यों मेरा दिल कह रहा था कि कि ऐसा सब उस रॉबिन की वजह से हुआ है और वह तथाकथित रॉबिन कोई और नहीं अपितु मुझ जैसे लोगों को समझाने के लिए सीधे केप्लर & 22 बी नामक ग्रह से आया एक पराग्रही था। बहरहाल, शीघ्र ही मुझे मेरे सवाल का जवाब मिलने वाला है & तब मुझे इसका अनुमान नहीं था। खैर, तभी 15 दिन बाद  17 अप्रैल, 2014 को नासा से आई एक खबर ने मुझे न जाने क्यों यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि अगर रॉबिन सचमुच पराग्रही है तो वह मुझसे फिर मुलाकात करने वाला है। इस खबर के अनुसार सिग्नस तारामंडल में एक ऐसा ग्रह मौजूद है जो आकार तथा वातावरण के हिसाब से हमारी पृथ्वी के सर्वाधिक करीब हो सकता है। केप्लर & 186 एफ नामक यह ग्रह सिग्नस तारामंडल में  केप्लर & 186  तारे की कक्षा में है। इसका रेडियस लगभग पृथ्वी के रेडियस के बराबर है और आकार में यह पृथ्वी से दस प्रतिशत बड़ा हो सकता है। यह ग्रह अपने सूरज की परिक्रमा 130  दिन में पूरी करता है यानी इसका एक वर्ष 130 दिनों का होता है। अभी तक मिले संकेतों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस ग्रह पर जल की मौजूदगी हो सकती है। खैर, यह ग्रह भी हमारी धरती से 500 प्रकाश & वर्ष दूर है यानी अगर कोई प्रकाश की गति से भी भी इस दूरी को तय करना चाहे तो उसे यहां तक पहुंचने में पांच सौ वर्षों का समय लगेगा। बहरहाल, यह खबर प्रसिद्ध वैज्ञानिक पत्रिका 'साइंस` में भी छप गई है तो रॉबिन इसे लेकर जरूर परेशान होगा। मैंने पत्नी और बेटी को यह बात बताना उचित नहीं समझा लेकिन मैंने न्यू जसब में रहने वाली अपनी बेटी संयोगिता और नार्थ कैरोलिना में रहने वाली अपनी बेटी निवेदिता को इस नए ग्रह की खोज की जानकारी दी। उन दोनों को मैं रॉबिन से हुई मुलाकात के बारे में बता चुका था। उन दोनों का कहना था कि यदि निकट भविष्य में रॉबिन मेरे से मुलाकात करता है तो मुझे उसकी तस्वीरें अपने मोबाइल में कैद कर लेनी चाहिए। बीस अप्रैल को रविवार था और बेटी ने मुझे सुबह जानकारी दी कि 10 बजे के आसपास हम लोग यहां से 420 किलोमीटर दूर स्थित  साउथ लेक टाहो के लिए रवाना होंगे। दरअसल, उसका इरादा तो हमें समुौ तल से 1ए897 मीटर ( 6ए225 फीट ) की ऊंचाई पर स्थित उस टाहो झील को दिखाना थ् 

शाम को नियत समय पर मेरी और रॉबिन की मुलाकात हुई। रॉबिन सीधे मुद्दे पर आते हुए बोला, ''मुझे नहीं लगता है कि पृथ्वी निवासी अपनी हठधर्मिता से बाज आएंगे। वे लगातार हमारे तारामंडल पर नजरें जमाये हुए हैं। खैर, मुझे लगता है कि हमें ऐसे प्रयत्न करने होंगे जिससे मनुष्य को अंतरिक्ष में दखल देने से रोका जा सके। 

जो अमेरिका के दो राज्यों कैलिफोर्निया और नेवाडा की सीमाओं के मध्य स्थित है। पैंतीस किलोमीटर लंबी, उन्नीस किलोमीटर चौड़ी और पांच सौ एक मीटर गहरी इस झील की संपूर्ण तटरेखा 116 किलोमीटर है। इसके चारों तरफ दिखने वाली हिम से ढ़की बर्फ़ की चोटियां इसकी सुंदरता को चौगुनी करती हैं। उसने बताया की हम महज एक रात इस झील से सटे एक रिसोर्ट ''इन बाइ द लेक`` में ठहरेंगे और दुनिया की सबसे गहरी  झीलों में से एक इस झील के सौंदर्य के चक्षु & दर्शन करेंगे । यद्यपि यूं यकायक कहीं जाने की बात मुझे भायी नहीं लेकिन भारत से इतनी दूर आकर अब मैं पूरी तरह से अपने बच्चों की गिरफ़्त में हूँ । आजकल मुझे अक्सर बचपन में अपने स्वगबय पिता जी द्वारा कहा गया यह वाक्य याद आ जाता है  कि ''स्थानम् प्रधानम, न बलं प्रधानम्`` यानी व्यक्ति का बल स्थान विशेष पर आश्रित है। खैर, ठहरने की व्यवस्था ऑन लाइन हो चुकी थी। अब सिर्फ हम लोगों को थोड़ा & बहुत जरूरी सामान लेकर उस  कार में बैठना था जिसकी चालक स्वयं हमारी बेटी योगिता है। स्नान  और नाश्ता करने में कब 10 बज गए, पता ही नहीं चला।  इस विलंब के लिए एक, दूसरे को दोषी ठहराते हुए हम लोग लगभग साढ़े दस बजे सुबह टाहो झील की यात्रा पर रवाना हुए। यही कोई डेढ़ घंटे बाद हम पहाड़ी रास्तों से होकर गुजरने लगे। रास्ते में पड़ने वाली अन्य झीलों और सुरम्य ढलवां हरी पहाड़ियों पर मौजूद चीड़ के घने जंगलों से होते हुए हम यही कोई अपरा सवा तीन बजे के आसपास साउथ लेक टाहो स्थित अपने रिसोर्ट ''इन बाइ द लेक`` में पहुंचे।

अपने कमरा नंबर 303 में सामान रखने के बाद हम लोग खाना खाने के लिए वहीं नजदीक स्थित एक भारतीय भोजन परोसने वाले ''निक्की चाट कैफे`` में गए। जैसे ही हमने उस रेस्टोरेंट में प्रवेश किया, मैं ठीक सामने विराजमान व्यक्ति को देखकर आश्चर्य में डूब गया। मुझे लगा कि यह मेरा वहम है लेकिन तभी ''तो आप पहुँच गए`` की आवाज ने मुझे बता दिया कि सामने बैठा व्यक्ति वही रॉबिन है जो मुझे 2 अप्रैल की शाम को फ्रेस्नो में मिला था। वैसे भी ''तो आप पहुँच गए`` कहने वाला यहां भला रॉबिन के अलावा और कौन हो सकता था? ''हैलो मिस्टर रॉबिन, आप कैसे हैं ?`` मैंने अपनी घबराहट को छुपाते हुए सवाल दागा। ''मैं बिलकुल ठीक हूँ; आप कैसे हैं ?`` रॉबिन ने मुस्कराते हुए कहा। फिर वह हँसते हुए बोला, ''आप लोग आराम से खाना खाइए। मैं तब तक बाहर जाकर झील का नज़ारा देखता हूँ।"

इतना कहने के बाद रॉबिन अपनी सीट को छोड़कर चलता बना। खैर, यही कोई 30 मिनट बाद हम लोग खाना खाने के बाद जब बाहर आए तो रोबिन मुझे सामने झील की तरफ जाते हुए दिखाई दिया। मेरे हिसाब से राबिन हमारे से कोई दस गज की दूरी पर था। तभी पीछे से किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए पूछा, ''आप 'इन बाइ द लेक` के रूम नंबर 303 में टिके हुए हैं। मैं शाम को आपको वहां स्विमिंग पूल के पास लगभग 8 बजे मिलूंगा। 'ऐसा कहकर रॉबिन यकायक न जाने कहां गायब हो गया था। सामने नजर दौड़ाई तो अब उधर भी कोई नहीं दिखा। खुदा का शुक्र था कि जब रॉबिन ने मेरे से शाम को मिलने की बात कही, उस समय मेरी पत्नी बेटी के साथ सामने के स्टोर में कुछ खरीदने के लिए गई हुई थी। मैं नहीं चाहता हूँ कि वे दोनों भी मेरी तरह इस रहस्य को लेकर परेशान हों। शाम को नियत समय पर मेरी और रॉबिन की मुलाकात हुई। रॉबिन सीधे मुद्दे पर आते हुए बोला, ''मुझे नहीं लगता है कि पृथ्वी निवासी अपनी हठधर्मिता से बाज आएंगे। वे लगातार हमारे तारामंडल पर नजरें जमाये हुए हैं। खैर, मुझे लगता है कि हमें ऐसे प्रयत्न करने होंगे जिससे मनुष्य को अंतरिक्ष में दखल देने से रोका जा सके। तीसरा विश्वयुद्ध भी ऐसा एक उपाय हो सकता है। वैसे भी धरती के सभी परमाणु भंडारों का हम जब चाहें इस्तेमाल कर सकते हैं।`` फिर वह कुछ देर तक मेरी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा करता रहा। मुझे खामोश देख वह बोला, ''तुम सही सोच रहे हो। हम कई सौ प्रकाश वर्ष दूर एक ग्रह से इस पृथ्वी पर आये हैं और आज रात हम सभी लौट जायेंगे।``

''हम मतलब?`` मैंने बुझी हुई आवाज में पूछा।

''हम मतलब हम सभी रॉबिन। तुम्हें फ्रेस्नो में रॉबिन &1 मिला था और मैं रॉबिन & 2 हूँ। दरअसल, इस समय इस धरती पर एक साथ हम सौ रॉबिन आये हुए हैं और हम अलग&अलग जगह पर होते हुए भी एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। हम इस समय जो बात कर रहे हैं, उसे सभी रॉबिन सुन रहे हैं और वे सब तुम्हें देख भी रहे हैं। मोटे तौर पर हम सभी एक दूसरे से तरंगों के माध्यम से निरंतर जुड़े रहते हैं। बहरहाल, मैं इस समय जल्दी में हूँ। जब कभी फिर भेंट होगी तो तुम्हें सारी बातें विस्तार से समझाऊंगा।`` यह कहकर वह फिर ऊपर आकाश की तरफ देखने लगा। इस बीच जब रॉबिन आकाश की तरफ देख रहा था, मैंने मोबाइल से उसकी एक दर्जन तस्वीरें खींच ली।  तभी पीछे से पत्नी की आवाज आई, ''आप यहाँ ठण्ड में अकेले क्यों खड़े हैं ?`` मैंने पीछे देखा तो पत्नी और बेटी स्विमिंग पूल की तरफ आते दिखे। घबराकर मैंने फिर सामने देखा तो रॉबिन अब वहां नहीं था। अपने कमरे में पहुंच कर जब मैंने मोबाइल में रॉबिन की तस्वीरें देखनी चाही तो मुझे फिर से झटका लगा। स्विमिंग पूल के सामने खड़े वृक्षों&भवनों के अलावा उन तस्वीरों में और कुछ न था।  

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