पत्र प्रक्रिया


 

‘इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए’ अप्रैल 2014 अंक मेरे देखने में आया। अंक देखकर हार्दिक प्रसन्नता हुई। इतनी शानदार और उपयोगी विज्ञान पत्रिका हिन्दी में प्रकाशित करने के लिए आप और आपकी टीम बधाई के पात्र हैं। किसी भी सामान्य पाठक के लिए इसमें रोचक और उपयोगी सामग्री है। सुचिंतित-संतुलित संपादन के लिये आप धन्यवाद के पात्र हैं।

अरबों वर्ष पुरानी पृथ्वी, विज्ञान समाचार तो बेहद रोचक हैं, अन्य लेख भी बहुत अच्छे हैं। यह पत्रिका पाठक के वैज्ञानिक नजरिये को विकसित करने में सहायक है जो हमारे समाज की जरूरत है। ‘म्यूजिक थैरेपी’ की बाबत कहना चाहता हूं कि भारतीय रागदारी संगीत के विषय में भी कई बातें कही जाती हैं। इंदिरा कला संगीत, विश्वविद्यालय खैरागढ़ में कुछ शोधग्रंथ इस विषय पर लिखे गये हैं लेकिन उनका आधार किस हद तक वैज्ञानिक है इस पर कुछ कहना कठिन है। मैं स्वयं मानता हूं कि इस सिद्धांत में तथ्य है किन्तु यह मात्र सैद्धांतिक (प्राचीन ग्रंथों के आधार) है या प्रयोग सिद्ध, यह विचारणीय है। आपकी कविता ‘आईना’ रोचक लगी और यह याद दिलाती है कि हमारी परंपरा में ज्ञान की विभिन्न विधाओं को काव्य रूप में पेष करने की परंपरा रही है। बधाई। इस प्रयोग पर बेशक चर्चा संभव है। जीशान हैदर जैदी की विज्ञान कथा, जयंत नार्लीकर की विज्ञान कथाओं की तुलना में कुछ नाटकीय अधिक हो गयी है पर वह कुछ सवालों के सामने हमें खड़ा करती है तथा रोचक है। प्रिंटिंग, सज्जा, सभी मानी में अंक सराहनीय है। आपको इतनी अच्छी पत्रिका प्रकाषित करने के लिए धन्यवाद।

 

- रमाकांत श्रीवास्तव, भोपाल

 

आपके द्वारा प्रेषित ‘इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए’ का नवम्बर 2014 का अंक प्राप्त हुआ। हार्दिक आभार और धन्यवाद। पूर्व की भांति इस अंक में प्रकाशित सभी लेख उच्च स्तरीय हैं। हिन्दी में विज्ञान लेखन की अभिवृद्धि के लिए आपके द्वारा किए जा रहे प्रयास प्रशंसनीय हैं।

सुभाष चंद्र लखेड़ा, नई दिल्ली

 

‘इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए’ का नया अंक मिला। इसमें मेरे लेख को महत्वपूर्ण ढंग से स्थान दिया गया। धन्यवाद। इस अंक को पढ़कर मुझे लगा कि आपकी पत्रिका अपने उत्कृष्ट स्वरूप को पा रही है। एक विज्ञान पत्रिका को ऐसा ही होना चाहिए- वह सरल हो, सहज हो और आम पाठक के अनुकूल हो। इस पत्रिका में मुझे ये सारी बातें दिखाई देती हैं। एक सलाह अवश्य देना चाहूंगा कि इसमें सम-सामयिक विषयों पर लेख अवश्य प्रकाशित किया करें। चूंकि सम-सामयिक विषय के प्रति पाठक और विद्यार्थी अधिक जिज्ञासु होते हैं।

धर्मेन्द्र कुमार मेहता, भोपाल

 

मैं आपकी पत्रिका का एक पुराना पाठक हूँ। मेरे कुछ विज्ञान लेखकों के पास यह पत्रिका आती है। मैं इस पत्रिका का नियमित ग्राहक बनना चाहता हूँ। ‘इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए’ पत्रिका की विषय वस्तु अन्य विज्ञान पत्रिकाओं से बेहतर है। इसमें विज्ञान, तकनीक, कम्प्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स सब्जेक्टस् की ताजा जानकारी होती है। लेखों का चयन भी सोच-समझ कर किया जाता है जो कि आला दर्जे के होते हैं।

पत्रिका का नवंबर अंक पढ़ा। पत्रिका का ले-आउट, पाठ्य सामग्री को अच्छे और आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया। सीवी रमन की जीवनी का अंश ‘जीवन को एक अक्ष की आवश्यकता’ अच्छा लगा। एक बड़े वैज्ञानिक के मन की बात पाठक के मन की बात हो जाती है। यह संपादकीय दृष्टि से देखें तो एक भावुक कदम है लेकिन वैचारिक रूप से भी उतना ही समृद्ध भी है। पत्रिका के विज्ञान खंड के सभी लेख अच्छे बन पड़े हैं। तकनीक खंड के ‘ड्रोन से डिलीवर होंगे ई-कॉमर्स उत्पाद’ और ‘हार्ट ब्लीड: प्रोग्राम बना वायरस’ लेख नई जानकारी से अपडेट थे।

आपकी पत्रिका में कॅरियर कॉलम बहुत अच्छा और उपयोगी है। इस अंक में क्वांटम भौतिकी पर एक कविता भी है। इस तरह की कविता मैंने आज तक कभी किसी पत्रिका में नहीं पढ़ी। आपको इन दो चीजों के लिए तो सेल्यूट जाता है।

कुल मिलाकर पत्रिका अच्छी, पठनीय और संग्रहणीय है। पत्रिका के कुशल संपादन के लिए बधाई। आपका अगला अंक पढ़कर फिर पत्र लिखूंगा।

धर्मपाल गोस्वामी, दिल्ली

 

‘इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए’ नियमित रूप से मिल रही है। यह पत्रिका षहर के अन्य षासकीय, अर्द्ध षासकीय व गैर षासकीय संस्थानों के प्रमुखों तक भी पहुंचती है इसलिए जब इन संस्थानों के प्रमुखों से मुलाकात होती है तो चर्चा भी होती है। मुझे जो समग्र रूप से इन सभी की ओर से कहना है वह बात यह है कि पत्रिका आईटी और विज्ञान के छात्रों के लिए बहुत उपयोगी है। साथ ही मैं यह भी कहना चाहूंगा कि इस पत्रिका में एक कॉलम बच्चों का भी रखें। आज के बच्चे आईटी और विज्ञान के क्षेत्र में क्या सोचते हैं यह जानना बहुत जरूरी और रुचिकर होगा। आईटी के संस्थान के लिए भी और बच्चों के लिए भी।

लुकमान मसूद, खंडवा

 

आपकी पत्रिका मेरे मित्रों में खासा लोकप्रिय है, इससे हमें बहुत तकनीकी जानकारी मिलती है।

विनय प्रजापति, लखनऊ

 

आपकी विज्ञान पत्रिका का नया अंक पढ़ रही हूँ बीच के कुछ अंतराल को छोड़ दें तो पुराने अंक पढ़ने में आए। मैं कुछ अंकों से महसूस कर रही हूँ कि आपकी पत्रिका जैसे अन्य विज्ञान-पत्रिकाओं से प्रतिस्पर्द्धा कर रही है और वह उन्हें पटखनी देना चाहती है। आपकी पत्रिका इसमें सफल भी हो रही है। यह बात नये अंक को देखकर महसूस की जा सकती है। नवम्बर अंक का महत्वपूर्ण लेख संगीता जी का लगा। यह लेख कलात्मक होते हुए भी वैज्ञानिक आधार को प्रतिपादित करता है। तकनीक में जो दो लेख आपने छापे हैं वे भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। ड्रोन और हार्ड-ब्लीड पर जो जानकारी इस अंक के माध्यम से आपने दी है वह एक साधारण पाठक और विद्यार्थी के लिए बहुत उपयोगी है।

निशा राठौर, षाजापुर

(यह पत्र अंग्रेजी से अनूदित)